लखनऊ न्यूज डेस्क: उन्नाव के मोहल्ला गोताखोर मोहम्मदनगर में एक ऐसा चमत्कारिक वाकया हुआ जिसने पूरे इलाके को हैरान कर दिया। जिस बेटी को परिवार ने 16 साल पहले मृत मानकर फातिहा पढ़ी, 40 दिन फकीरों को खाना खिलाया, वह सलामत लखनऊ में मिल गई। शनिवार रात परिवार उसे घर लेकर आया तो आंसुओं और गले लगने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा था।
सलमा की मां मुन्नी बेगम ने बताया कि उनकी बेटी मानसिक रूप से बीमार है। 17 साल की उम्र में उसकी शादी कर दी गई थी। इस दौरान उसके तीन बच्चे हुए, लेकिन किस्मत इतनी बेरहम रही कि तीनों की मौत हो गई। साल 2009 में, 20 साल की उम्र में, सलमा अचानक लापता हो गई। परिवार ने बनारस, गोंडा, प्रयागराज और लखनऊ में ढूंढ-ढांढकर थक गए, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
बेटी की गुमशुदगी के गम में सलमा के पिता असलम का भी इंतकाल हो गया। सालों तक कोई खबर न मिलने पर परिजनों ने मान लिया कि सलमा अब इस दुनिया में नहीं है और धार्मिक रीति-रिवाज के मुताबिक उसकी क्रियाकर्म की रस्में पूरी कर दीं। उधर, सलमा के पति ने भी दूसरा निकाह कर लिया।
अब 16 साल बाद सलमा का जिंदा मिलना किसी करिश्मे से कम नहीं। मां ने कहा, “अब बेटी की देखभाल मैं खुद करूंगी।” मोहल्ले के लोग भी इस अद्भुत मिलन को देखकर भावुक हो उठे और इसे किस्मत का खेल बता रहे हैं।